ऋषि बोले—देवी का यह शब्द सुन क्रोध युक्त दूत ने दैत्यराज शुम्भ के पास जाकर पूरी कथा विस्तार पूर्वक सुना दी। तब दूत से समस्त बातों को सुनकर दैत्यराज ने कोधित हो कर असुर सेनापति धूम्रलोचन से कहा- हे धूम्र- लोचन ! तुम शीघ्र ही अपनी सेना समेत वहां जाओ औ…