व्रतों में एकादशी को सर्वोपरि कहा गया है। एकादशी को शरीर को शुद्ध करने, मरम्मत और कायाकल्प करने का दिन माना जाता है और आमतौर पर आंशिक या पूर्ण उपवास द्वारा मनाया जाता है। व्रत श्रद्धा-भक्ति पूर्वक प्रारम्भ करना चाहिए। किसी के दबाव में आकर न करें।
एकादशी व्रत का प्रारम्भ करने का शुभ समय चैत्र, वैशाख, माघ और मार्गशीर्ष की एकादशियां माना गया हैं। कम से कम आठ वर्ष की आयु वाले व्यक्ति को व्रत रखना चाहिए ताकि वो व्रत के सही मूल्य को समझ सके। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं।
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(Vishnu Ji) |
एकादशियो के नाम:
सूतजी बोले- बारह महीनों में केवल चौबीस और अधिक मास (लौंद) में दो एकादाशियां होती हैं-इस तरह 26 एकादशियां होती हैं उनके नाम मैं कहता हूँ, आप लोग सावधानी से सुनिये - उत्पन्ना, मोक्षदा, सफला, पुत्रदा, षट्तिला, जया, विजया, आमलकी, पापमोचनी, कामदा, बरूथिनी, मोहनी, अपरा निर्जला, योगिनी, देवशयनी, पवित्रा, पुत्रदा, अजा, परिवर्तिनी, इन्दिरा, पाशांकुशा, रमा देवोत्थानी ये बारह महीनों की 24 एकादशियों के नाम हैं। अधिक मास में पद्मनी और परमा ये दो एकादशियां होती हैं।
उत्पन्ना एकादशी (मार्गशीर्ष कृष्ण) | नवंबर-दिसंबर |
मोक्षदा एकादशी (मार्गशीर्ष शुक्ल) | नवंबर-दिसंबर |
सफला एकादशी (पौष कृष्ण) | दिसंबर-जनवरी |
पुत्रदा एकादशी (पौष शुक्ल) | दिसंबर-जनवरी |
षट्तिला एकादशी (माघ कृष्ण) | जनवरी-फरवरी |
जया एकादशी (माघ शुक्ल) | जनवरी-फरवरी |
विजया एकादशी (फाल्गुन कृष्ण) | फरवरी-मार्च |
आमलकी एकादशी (फाल्गुन शुक्ल) | फरवरी-मार्च |
पापमोचनी एकादशी (चैत्र कृष्ण) | मार्च-अप्रैल |
कामदा एकादशी (चैत्र शुक्ल) | मार्च-अप्रैल |
बरुथिनी एकादशी (वैशाख कृष्ण) | अप्रैल-मई |
मोहनी एकादशी (वैशाख शुक्ल) | अप्रैल-मई |
अपरा एकादशी (ज्येष्ठ कृष्णा) | मई-जून |
निर्जला एकादशी (ज्येष्ठ शुक्ल) | मई-जून |
योगिनी एकादशी (आषाढ़ कृष्ण) | जून-जुलाई |
पद्मा एकादशी (आषाढ़ शुक्ल) | जून-जुलाई |
कामिका एकादशी (श्रावण कृष्ण) | जुलाई-अगस्त |
पुत्रदा एकादशी (श्रावण शुक्ल) | जुलाई-अगस्त |
अजा एकादशी (भाद्रपद शुक्ल) | अगस्त-सितंबर |
वामन एकादशी (भाद्रपद शुक्ल) | अगस्त-सितंबर |
इन्दिरा एकादशी (आश्विन कृष्ण) | सितंबर-अक्टूबर |
पाशांकुशा एकादशी (आश्विन शुक्ल) | सितंबर-अक्टूबर |
रमा एकादशी (कार्तिक कृष्ण) | अक्टूबर-नवंबर |
प्रबोधिनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल) | अक्टूबर-नवंबर |
पद्मिनी एकादशी (अधिक मास की शुक्ल) |
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परमा एकादशी (अधिक मास की कृष्ण) |
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