Ganga Aarti |
महारानी गंगा मैया,
मेरा उद्धार कर दे।
कृपा से अपनी माता,
बेड़े को पार कर दे॥
जय महारानी गंगा मैया….
स्वर्ग से आई मैया,
जगत के तारने को।
चरणों में लगा ले मुझको,
इतना उपकार कर दे॥
जय महारानी गंगा मैया….
तेरा प्रवाह मैया,
पापों का नाश करता।
भक्तों की खातिर मैया,
अमृत की धार कर दे॥
जय महारानी गंगा मैया….
बनके सवाली मैया,
आए जो द्वार तेरे ।
तू जगदम्बे उसका,
पूरा भण्डार भर दे॥
जय महारानी गंगा मैया….
'चमन' नादान मैया,
करता सदा विनती।
जगत की जननी सुखिया,
सारा संसार कर दे॥
जय महारानी गंगा मैया….
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥
दाता के दरबार मे खड़े,
सभी हाथ जोड़।
देवन वाला एक है,
मांगत लाख करोड़॥
आज भी तेरा आसरा,
कल भी तेरी आस।
घड़ी-घड़ी तेरा आसरा,
तुझ बिन कौन सवारे काज॥
दाता ऐसा वर दीजिए,
जिसमे कुटुंब समाए।
मैं भी भूखा न रहूँ,
मेरे साथ न कोई भूखा जाए॥