तब ऋषि बोले ! और सेनापति चिक्षुर अपनी सेना का संहार होते देख क्रोधित होकर जगदम्बिका से संग्राम करने के लिए गया । वह अमुर समर में भगवती के ऊपर इस प्रकार बालों की बरसा करने लगा मानो सुमेरु पर्वत पर मेघ जल बरसता हो । तत्पश्चात देवी ने उसके बाणों को खेल- …