ब्रह्म आरती in Hindi Spiritual RAGA

ब्रह्म आरती
Brahma
 

॥ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौह सतचिद एकं ब्रह्माे ॥

 

पितु मातु सहायक स्वामी सखा,

तुम ही एक नाथ हमारे हो।

जिनके कुछ और आधार नहीं,

तिनके तुम ही रखवारे हो ।

पितु मातु सहायक स्वामी सखा....

 

सब भॉति सदा सुखदायक हो,

दुख निर्गुण नाशन हरे हो ।

प्रतिपाल करे सारे जग को,

अतिशय करुणा उर धारे हो ।

पितु मातु सहायक स्वामी सखा....

 

भूल गये हैं हम तो तुमको,

तुम तो हमरी सुधि नहिं बिसारे हो ।

उपकारन को कछु अंत नहीं,

छिन्न ही छिन्न जो विस्तारे हो ।

पितु मातु सहायक स्वामी सखा....

 

महाराज महा महिमा तुम्हारी,

मुझसे विरले बुधवारे हो ।

शुभ शांति निकेतन प्रेम निधि,

मन मंदिर के उजियारे हो ।

पितु मातु सहायक स्वामी सखा....

 

इस जीवन के तुम ही जीवन हो,

इन प्राणण के तुम प्यारे हो में ।

तुम सों प्रभु पये “कमल” हरि,

केहि के अब और सहारे हो ।

पितु मातु सहायक स्वामी सखा....

 

॥ ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौह सतचिद एकं ब्रह्माे ॥


कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।

सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।


तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो।

तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥


दाता के दरबार मे खड़े,

सभी हाथ जोड़।

देवन वाला एक है, 

मांगत लाख करोड़॥


आज भी तेरा आसरा, 

कल भी तेरी आस।

घड़ी-घड़ी तेरा आसरा,

तुझ बिन कौन सवारे काज॥ 


दाता ऐसा वर दीजिए,

जिसमे कुटुंब समाए।

मैं भी भूखा न रहूँ,

मेरे साथ न कोई भूखा जाए॥

Previous Post Next Post