देवी बोली- जो मनुष्य एकाग्र मन से नित्य-प्रति स्तोत्र [दुर्गा सप्तशती] से मेरी प्रार्थना करता है उस मनुष्य की समस्त बाधाओं का में निश्चय ही दमन कर देती हूं। जो मधुकैटभका विनाश, महिपासुरका घात और शुम्भ-निशुम्भ के वध का कीर्तन करेंगे तथा अष्टमी, चतुर्…