सूतजी बोले- ऋषियों अब मैं आपको बुध त्रयोदशी (प्रदोष) की कथा सुनाता हूँ, ध्यानपूर्वक सुनिये। प्राचीन काल की कथा है-एक पुरुष का नया नया विवाह हुआ था। वह गौने के बाद दूसरी बार पत्नी को लिवाने अपनी ससुराल पहुँचा और अपनी सास से कहा कि बुधवार के दिन ही पत्न…