सरस्वती माँ सरस्वती अम्बे शारदे,
सुर ताल माँ ज्ञान का मैनु तू वरदान दे,
सरस्वती माँ सरस्वती अम्बे शारदे,
रखियो माँ लाज दाती गुण तेरे जो गावा,
वेसुरा मैं ना समज किधरे भटक न जावा,
बांह फड़ लई मेरी माँ मैनु भी तू तार दे,
सुर ताल माँ ज्ञान का मैनु तू वरदान दे,
सरस्वती माँ सरस्वती अम्बे शारदे,
मेहर दी आज नजर दाती तेरी जे हो जावे,
राणा करे गुण गान तेरा तनु शीश झुकावे,
तेरे दर ते आया मैं माँ मैनु भी तू प्यार दे,
सुर ताल माँ ज्ञान का मैनु तू वरदान दे,
सरस्वती माँ सरस्वती अम्बे शारदे,
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारबिन्दे भबं भवानीसहितं नमामि।।
तुम्ही हो माता, पिता तुम्ही हो।
तुम्ही हो बंधू, सखा तुम्ही हो ॥
दाता के दरबार मे खड़े, सभी हाथ जोड़।
देवन वाला एक है, मांगत लाख करोड़॥
आज भी तेरा आसरा, कल भी तेरी आस।
घड़ी-घड़ी तेरा आसरा, तुझ बिन कौन सवारे काज॥
दाता ऐसा वर दीजिए, जिसमे कुटुंब समाए।
मैं भी भूखा न रहूँ, मेरे साथ न कोई भूखा जाए॥