In Hindi:
आग बहे तेरी रग में
तुझसा कहा कोई जग में !
है वक्त का तू ही तो पेहला पहर
तू आँख जो खोले तो ढाए केहर
तो बोलो, "हर हर हर"
तो बोलो, "हर हर हर"
तो बोलो, "हर हर हर"
ना आदि, ना अंत है उसका
वो सबका, ना इनका-उनका
वही है माला, वही है मनका
मस्त मलंग वो अपनी धुन का
जंतर मंतर तंतर ज्ञानी
है सर्वग्य स्वाभिमानी
मृत्युंजय है महाविनाशी
ओमकार है इसी की वाणी
(इसी की, इसी की, इसी की वाणी)
(इसी की, इसी की, इसी की वाणी)
भांग धतूरा, बेल का पत्ता
तीनों लोक इसी की सत्ता
विष पीकर भी अडिग, अमर है
महादेव हर-हर है जपता
जपता...
वही शून्य है, वही इकाय
वही शून्य है, वही इकाय
वही शून्य है, वही इकाय
जिसके भीतर बसा शिवाय
तो बोलो, "हर हर हर"
तो बोलो, "हर हर हर"
अघोरा नाम परो मन्त्र
ना इस्तितत्वं गुरोः परा महादेव
नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय
भस्माङ्गरागाय महेश्वराय
नित्याय-शुद्धाय दिगंम्बराय
तस्मै कराय, नमः शिवाय
शिव रक्षमाम्, शिव पाहिमाम्
शिव त्राहिमाम्, शिव रक्षमाम्
शिव पाहिमाम्, शिव पाहिमाम्
महादेव जी त्वं पाहिमाम्
शरणागतम् त्वं पाहिमाम्
आव रक्षमाम् शिव
पाहिमाम् शिव
आँख मूँद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव, महा-एकाकी
जिसके लिए जगत है झाँकी
जटा में गंगा, चाँद मुकुट है
सौम्य कभी, कभी बड़ा विकट है
आग से जन्मा है कैलाशी
शक्ति जिसकी दरस की प्यासी
है प्यासी, हाँ प्यासी
राम भी उसका, रावण उसका
जीवन उसका, मरण भी उसका
तांडव है और ध्यान भी वो है
अज्ञानी का ज्ञान भी वो है
आँख तीसरी जब ये खोले
हिले धरा और स्वर्ग भी डोले
गूंज उठे हर दिशा क्षितिज में
नाद उसी का बम-बम भोले
वही शून्य है, वही इकाय
वही शून्य है, वही इकाय
वही शून्य है, वही इकाय
जिसके भीतर बसा शिवाय
तू ही शिवा, तुझमें ही शिवा
कोई नही यहा तेरे सिवा
उड़ा राख, अग्नि को ज्वाला तू कर
मिटा दे अंधेरे तू बन के सहर
तो बोलो, "हर हर हर"
जा, जा कैलाश, जा कर विनाश
जा, जा कैलाश, जा कर विनाश
जा, जा कैलाश, जा कर विनाश
जा, जा कैलाश, कर सर्वनाश
(तो बोलो, "हर हर हर")
जा, जा कैलाश, जा कर विनाश
जा, जा कैलाश, जा कर विनाश
जा, जा कैलाश, जा कर विनाश
जा, जा कैलाश, कर सर्वनाश
(तो बोलो, "हर हर हर")
आँख मूँद कर देख रहा है
साथ समय के खेल रहा है
महादेव, महा-एकाकी
जिसके लिए जगत है झाँकी
(तो बोलो, "हर हर हर")
जटा में गंगा, चाँद मुकुट है
सौम्य कभी, कभी बड़ा विकट है
आँख से जन्मा है कैलाशी
शक्ति जिसकी दरस की प्यासी
(तो बोलो, "हर हर हर")
यच्छास्वरूपा जटाधराय
पिनाकहस्ताय सनातनाय
दिव्या देवाय दिगम्बराय
तश्मे कराय
नमः शिवाय.
In English:
Aag bahe teri rag mein
Tujhsa kaha koi jag mein
Hai waqt ka tu hi toh pehla pehar
Tu aankh jo khole toh dhaye kehar
Toh bolo har har har
Toh bolo har har har
Toh bolo har har har
Na Aati na ant hai uska
Woh sabka na inka-unka
Wahi hai mala wahi hain manka
Mast malang woh apni dhun ka
Jantar-mantar antar gyani
Hai sarvagya swabhimani
Mrityunjaya maha vinaash
Omkar hai isi ki vaani
(isi ki isi ki isi ki vaani)
(isi ki isi ki isi ki vaani)
Bhang dhatura bhel ka patta
Teeno lok isi ki satta
Vish peekar bhi adek amar hai
Mahadev har har hai japta
Wahi shunya hai wahi ikaye
Wahi shunya hai wahi ikaye
Wahi shunya hai wahi ikaye
Jiske bheetar basa shivaay
Toh bolo har har har
Toh bolo har har har
Toh bolo har har har
Aghoranna paro mantr
Nasti tatvam Guro param
Mahadev
Nagendra haraya trilochanaya
Basmanga ragaya maheswaraya
Nithyay shudhaya digambaraya
Tasmai nakaraya namashivaya
Shiva rakshyamam,
Shiva pahimam
Shiva trahimam,
Shiva rakshyamam
Shiva pahimam, Shiva trahimam
Mahadev ji trahimam pahimam
Sharnagatam pahimam
Shiva rakshyamam
Shiva pahimam Shiva
Aankh mund kar dekh raha hai
Sath samay ke khel raha hai
Mahadev maha ek ka ki
Jiske liye jagat hai jhanki
Jata mein Ganga chaand
Mukut hai
Somya kabhi kabhi
Bada vikat hai
Aag se jalma hai kailashi
Shakti jiski taras ki pyasi
Hai pyaasi haan pyaasi
Ram bhi uska Ravan uska
Jeevan uska maran bhi uska
Tandav hai aur
Dhyan bhi woh hai
Agyani ka gyan bhi woh hai
Ankh tesri jab ye khole
Hile dhara aur swarg bhi dole
Goonj uthe har disha kshitij mein
Naag usi ka bam-bam bhole
Wahi shunya hai wahi ikaye
Wahi shunya hai wahi ikaye
Wahi shunya hai wahi ikaye
Jiske bheetar basa shivaay
Tu hi Shiva tujhme ishvar
Koi nahi yahan tere sivaa
Uda raakh agni ko jwala tu kar
Mita de andhere
Tu ban ke sehar
Toh bolo har har har
Ja ja kailash ja kar vinaash
Ja ja kailash ja kar vinaash
Ja ja kailash ja kar vinaash
Ja ja kailash ja kar vinaash
Toh bolo har har har
Ja ja kailash ja kar vinaash
Ja ja kailash ja kar vinaash
Ja ja kailash ja kar vinaash
Ja ja kailash ja sarwnaash
Toh bolo har har har
Aankh mund kar dekh raha hai
Sath samay ke khel raha hai
Mahadev maha ik ka ki
Jiske liye jagat hai jhanki
Toh bolo har har har
Jata mein Ganga chaand mukut hai
Somya kabhi kabhi bada vikat hai
Aag se jalma hai kailashi
Shakti jiski taras ki pyasi
Toh bolo har har har
Yaksha swaroopaya jatta dharaya
Pinaka hasthathaya sanatanaya
Divyaya devaaya digambaraya
Tasmai yakaraya
Namah Shivaay.