Bhagwat Gita Chapter 1 Verse 19 अध्याय 1 श्लोक 19

Bhagwat Gita Chapter 1 Shlok 19

स घोषो धार्तराष्ट्राणां हृदयानि व्यदारयत् |

नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलोऽभ्यनुनादयन् || 19|| 

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sa ghosho dhartarashtranam hridayani vyadarayat|


nabhashcha prithivim chaiva tumulo abhyanunadayan|| 19||

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The terrific sound thundered across the sky and the earth, and shattered the hearts of your sons, O Dhritarasthra.

हे धृतराष्ट्र! इन शंखों से उत्पन्न ध्वनि द्वारा आकाश और धरती के बीच हुई गर्जना ने आपके पुत्रों के हृदयों को विदीर्ण कर दिया।

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विवरण:

जब कौरव पक्ष से भीष्म, दुर्योधन और अन्य वीरों ने शंक बजाया था तो पाण्डवों के ह्रदय में कोई हलचल नहीं हुए थी (क्योंकि ऐसा कही नहीं लिखा हुआ कि उन्हें दर लग रहा था।) मगर जब पाण्डव पक्ष ने अपने अपने शंक बजाए तो धृतराष्ट्र के पुत्रों के मन विदीर्ण हो गए। पाण्डवों के पक्ष में सवय कृष्ण जी थे और उनका जीतना तह था। 

Description

When Bhishma, Duryodhana and other heroes from the Kaurava side blew their conchshells, there was no movement in the hearts of the Pandavas (because it is nowhere written that they were afraid.) But when the Pandavas side blew their own conchshells, Dhritarashtra The hearts of the sons of Krishna was always on the side of the Pandavas and their victory was inevitable.


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