सूतजी बोले- हे ऋषिवरों अब मैं सोम त्रयोदशी व्रत का माहात्म्य वर्णन करता हूँ। इस व्रत के करने से शिव-पार्वती प्रसन्न होते हैं। प्रातः स्नानादिकर शुद्ध पवित्र हो शिव-पार्वती का ध्यान करके पूजन करें और अर्घ्य दें। "ॐ नमः शिवाय'' इस मंत्र का …
एक समय सभी प्राणियों के हितार्थ परम पवित्र भागीरथी के तट पर अधि समाज द्वारा विशाल गोष्ठी का आयोजन किया गया। विज्ञ महर्षियों की एकत्रित सभा में व्यासजी के परम शिष्य पुराणवत्ता सूतजी हरिकीर्तन करते हुए पधारे। सूतजी को देखते ही शौनकादि अट्ठासी हजार ऋषि-म…