Surya Dev जयाच्या रथा एकची चक्र पाही | नसे भूमि आकाश आधार कांही || असे सारथी पांगुळा ज्या रथासी | नमस्कार त्या सूर्यनारायणासी || १ || करी पद्म माथां किरीटी झळाळी | प्रभा कुंडलांची शरीरा निराळी || पहा रश्मि ज्याची त्रिलोकासी कैसी | नमस्कार त्…
Surya Dev स्तुति का अर्थ है स्तुति करना, स्तुति करना, स्तुति करना और भगवान के गुणों, कर्मों और प्रकृति की अपने हृदय में अनुभूति करके उनकी स्तुति करना। इस सूर्य स्तुति के रचयिता श्री गोस्वामी तुलसीदास जी हैं। दीन-दयालु देवा। कर मुनि, मनुज, सुरासुर सेवा…