एक समय सभी प्राणियों के हितार्थ परम पवित्र भागीरथी के तट पर अधि समाज द्वारा विशाल गोष्ठी का आयोजन किया गया। विज्ञ महर्षियों की एकत्रित सभा में व्यासजी के परम शिष्य पुराणवत्ता सूतजी हरिकीर्तन करते हुए पधारे। सूतजी को देखते ही शौनकादि अट्ठासी हजार ऋषि-म…