एक गाँव में एक शिकारी रहता था। वह शिकार करके अपने परिवार का पालन करता था। एक बार उस पर साहूकार का ऋण हो गया। ऋण न चुकाने पर सेठ ने उसे शिव मन्दिर में बन्दी बना लिया। उस दिन शिवरात्रि थी। वह शिव सम्बन्धी बातें ध्यानपूर्वक देखता एवं सुनता रहा। संध्या हो…