Showing posts from 2023

शनि त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत-कथा Shani Trayodashi (Pradosh) Vrat Katha Spiritual RAGA

गर्गाचार्यजी ने कहा- हे महामते! आपने शिव शंकर को प्रसन्न करने हेतु समस्त प्रदोष व्रत का वर्णन किया। अब हम शनि प्रदोष की विधि सुनने की इच्छा रखते हैं, मो कृपा करके सुनाइये। सूतजी बोले- हे ऋषियों निश्चित रूप से आपका शिव-पार्वती के चरणों में अत्यन्त प्रे…

शुक्रवार त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत-कथा Shukravaar Trayodashee (Pradosh) Vrat-Katha Spiritual RAGA

सूतजी बोले- प्राचीन काल की बात है. एक नगर में तीन मित्र रहते थे। तीनों में ही निष्ठ मित्रा थी। उनमें एक राजकुमार, दूसरा ब्राह्मण-पुत्र, तीसरा सेठ पुत्र था। राजकुमार ब्राह्मणपुत्र का विवाह हो चुका था. मेठ-पुत्र का विवाह के बाद गौना नहीं हुआ था। एक दिन …

वृहस्पति त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत कथा Brihaspati Trayodashi (Pradosh) Vrat Katha spiritual RAGA

वृहस्पति त्रयोदशी व्रत कथा इस प्रकार है कि एक बार इन्द्र और वृत्रासुर में घनघोर युद्ध हुआ। उस समय देवताओं ने दैत्य सेना को पराजित कर नष्ट-भ्रष्ट कर दिया। अपनी सेना का विनाश देख कृत्रासुर अत्यंत क्रोधित हो स्वयं युद्ध के लिए उद्यत हुआ मायावी असुर ने आस…

बुध त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत कथा Buddha Trayodashi (Pradosh) Vrat Katha Spiritual RAGA

सूतजी बोले- ऋषियों अब मैं आपको बुध त्रयोदशी (प्रदोष) की कथा सुनाता हूँ, ध्यानपूर्वक सुनिये। प्राचीन काल की कथा है-एक पुरुष का नया नया विवाह हुआ था। वह गौने के बाद दूसरी बार पत्नी को लिवाने अपनी ससुराल पहुँचा और अपनी सास से कहा कि बुधवार के दिन ही पत्न…

मंगल त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत-कथा Mangal Trayodashi (Pradosh) Vrat Katha Spiritual RAGA

शौनक ऋषि सूतजी से बोले- हे प्रभो! दया कर अब आप मंगल प्रदोष की कथा का वर्णन करें, आपकी अति कृपा होगी। सूतजी बोले- अब मैं मंगल त्रयोदशी (प्रदोष व्रत का विधि-विधान कहता हूँ। मंगलवार का दिन व्याधियों का नाशक है। इस व्रत में एक समय व्रती को गेहूँ और गुड़ क…

सोम त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत कथा Som Trayodashi (Pradosh) Vrat Katha Spiritual RAGA

सूतजी बोले- हे ऋषिवरों अब मैं सोम त्रयोदशी व्रत का माहात्म्य वर्णन करता हूँ। इस व्रत के करने से शिव-पार्वती प्रसन्न होते हैं। प्रातः स्नानादिकर शुद्ध पवित्र हो शिव-पार्वती का ध्यान करके पूजन करें और अर्घ्य दें। "ॐ नमः शिवाय'' इस मंत्र का …

रवि त्रयोदशी (प्रदोष) व्रत कथा Ravi Trayodashi (Pradosh) Vrat Katha Spiritual RAGA

एक समय सभी प्राणियों के हितार्थ परम पवित्र भागीरथी के तट पर अधि समाज द्वारा विशाल गोष्ठी का आयोजन किया गया। विज्ञ महर्षियों की एकत्रित सभा में व्यासजी के परम शिष्य पुराणवत्ता सूतजी हरिकीर्तन करते हुए पधारे। सूतजी को देखते ही शौनकादि अट्ठासी हजार ऋषि-म…

सोलह सोमवार व्रत कथा Solah Somvar Vrat Katha Spiritual RAGA

मृत्यु लोक में विवाह करने की इच्छा करके एक समय श्री भूतनाथ महादेव जी माता पार्वती के साथ पधारे। वहां वे भ्रमण करते-करते विदर्भ देशांतर्गत अमरावती नाम की अति रमणीक नगरी में पहुंचे। अमरावती नगरी अमरापुरी के सदृश सब प्रकार के सुखों से परिपूर्ण थी। उसमें …

सोमवार व्रत कथा Somvaar Vrat Katha Spiritual RAGA

एक बहुत धनवान साहूकार था, जिसके घर धन आदि किसी प्रकार की कमी नहीं थी। परन्तु उसको एक दुःख था कि उसके कोई पुत्र नहीं था। वह इसी चिन्ता में रात-दिन रहता था। वह पुत्र की कामना के लिए प्रति सोमवार को शिवजी का व्रत और पूजन किया करता था तथा सायंकाल को शिव म…

Bhagwat Gita Chapter 1 Verse 29-30 अध्याय 1 श्लोक 29-30

वेपथुश्च शरीरे मे रोमहर्षश्च जायते ॥29॥  गाण्डीवं स्रंसते हस्तात्त्वक्चै व परिदह्यते।  न च शक्नोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः ॥30॥  * * * vepathush cha sharire me roma-harshash cha jayate॥29॥  gandivam sramsate hastat tvak chaiva paridahyate।  na c…

Bhagwat Gita Chapter 1 Verse 28 अध्याय 1 श्लोक 28

अर्जुन उवाच। दृष्ट्वेमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्। सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ॥28॥ * * * arjuna uvacha drishtvemam sva-janam krishna yuyutsum samupasthitam। sidanti mama gatrani mukham cha parishushyati॥28॥ * * * अर्जुन ने …

Bhagwat Gita Chapter 1 Verse 27 अध्याय 1 श्लोक 27

तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्बन्धूनवस्थितान्। कृपया परयाविष्टो विषीदन्निदमब्रवीत् ॥27॥ * * * tan samikshya sa kaunteyah sarvan bandhun avasthitan। kripaya parayavishto vishidann idam abravit॥27॥ * * * जब कुन्तिपुत्र अर्जुन ने अपने बंधु बान्ध…

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