गर्गाचार्यजी ने कहा- हे महामते! आपने शिव शंकर को प्रसन्न करने हेतु समस्त प्रदोष व्रत का वर्णन किया। अब हम शनि प्रदोष की विधि सुनने की इच्छा रखते हैं, मो कृपा करके सुनाइये। सूतजी बोले- हे ऋषियों निश्चित रूप से आपका शिव-पार्वती के चरणों में अत्यन्त प्रे…